Friday 12 June 2015

एक छोटी सी लड़की फटे पुराने कपड़ो में एक सड़क के कोने

एक छोटी सी लड़की

एक दिन की घटना है । एक छोटी सी लड़की फटे पुराने कपड़ो में एक सड़क के कोने पर खड़ी भीख मांग रही थी । न तो उसके पास खाने को था, न ही पहनने के लिए ठीक ठाक कपड़े थे और न ही उसे शिक्षा प्राप्त हो पा रही थी । वह बहुत ही गन्दी बनी हुई थी, कई दिनों से नहाई नहीं थी और उसके बाल भी बिखरे हुए थे । तभी एक अच्छे घर का संभ्रांत युवा अपनी कार में उस चौराहे से निकला और उसने उस लड़की को देखते हुए भी
अनदेखा कर दिया । अंततः वह अपने आलीशान घर में  पहुंचा जहाँ सुख  सुविधा के सभी साधन उपलब्ध थे । तमाम नौकर चाकर थे, भरा पूरा सुखी परिवार था ।
A Little Girl
A Little Girl
जब वह रात्रि का भोजन करने के लिए अनेक व्यंजनों से भरी
हुई मेज पर बैठा तो अनायास ही उस अनाथ भिखारी बच्ची की तस्वीर उसकी आँखों के सामने आ गयी । उस
बिखरे बालों वाली फटे पुराने कपड़ों में छोटी सी भूखी बच्ची की याद आते ही वह व्यक्ति ईशवर पर बहुत नाराज़ हुआ । उसने ईश्वर को ऐसी व्यवस्था के लिए बहुत धिक्कारा कि उसके पास तो सारे सुख साधन मौजूद थे और एक निर्दोष लड़की के पास न खाने को था और न ही वह शिक्षा प्राप्त कर पा रही थी । अंततः उसने ईश्वर को कोसा,  " हे ईश्वर आप ऐसा कैसे होने दे रहे हैं ? आप इस लड़की की मदद करने के लिए कुछ करते क्यों नहीं  ?" इस प्रकार बोल कर वह खाने की मेज़ पर ही आंखें बंद करके बैठा था ।
तभी  उसने अपनी अन्तरात्मा से आती हुई आवाज़ सुनी जो कि ईश्वरीय ही थी । ईश्वर  ने कहा
" मैं बहुत कुछ करता हूँ और ऐसी परिस्तिथियों को बदलने के लिए मैंने बहुत कुछ किया है । मैंने तुम्हें बनाया है ।" जैसे ही उस व्यक्ति को यह एहसास हुआ कि ईश्वर उस गरीब बालिका का उद्वार उसी के द्वारा
करना चाहता है, वह बिना भोजन किये मेज़ से उठा और वापस उसी स्थान पर पहुंचा, जहाँ वह गरीब लड़की
खड़ी भीख मांग रही थी । वहां पहुँच कर उसने उस लड़की को कपडे दिए और भविष्य में उसे पढ़ाने लिखाने और
एक सम्मानित नागरिक बनाने का पूरा खर्चा उठाया ।  

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